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Wednesday, January 6, 2010

सुबह


सुबह आती है
रोशनी के साथ
अँधेरे को चीरते हुए
जो पहचान है
बुराई के अंत  की
अच्छाई की बुराई पर विजय  की

सुबह आती है
पक्षियों के चहकने के साथ
जो पहचान है आजादी की
खुले आकाश में उड़ने की
लक्ष्य को पाने की
कुछ कर दिखाने की


सुबह आती है
फूलो के खिलने के साथ
जिनकी भीनी - भीनी खुशबू से
समां महक उठता है
जो सदा मुस्कुराने की
प्रेरणा  देते है

सुबह आती है
ईश्वर  के नाम के साथ
जो सत्य है , प्रेम है
जो सिखाता है
सभी से प्रेम करना
दुखियों की सेवा करना

सुबह आती है
हमें बताने के लिए
उठो जागो और कर्म करो
ताकि एक नयी सुबह
फिर से आ सके
तुम्हे जगाने के लिए

2 comments:

shama said...

Bhagwaan kare aapko hamesha aisee subah naseeb ho!

Kuldeep Saini said...

धन्यवाद