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Wednesday, April 13, 2016

इश्क़ रिस्क


केमिस्ट्री वाले सर को
फ़िज़िक्स की मेडम से
हो गया इश्क़
लेकिन वो लेना नही चाहते थे
कोई रिस्क
इसलिए वो दूर से ही
रिएक्शन किया करते थे
मैडम के गुरुत्वाकर्षण से
ना जाने क्यू वो डरते थे
मैडम केमिस्ट्री के रिएक्शन से
थी अनजान 
सर भी फिजिक्स के फोर्मुलो में
उलझ कर रहते थे परेशान
एक दिन सर ने मैडम को
कर दिया प्रोपोस 
लेकिन मैडम के तो जैसे
उड गए होश
मैडम कुछ नहीं बोली
और चुपचाप चली गयी
सर ने सोचा लगता है
मैडम को केमिस्ट्री जँच गयी
कन्फर्म करने के लिए सर ने
मैडम से पूछा
क्या तुम्हारे दिल के फार्मूले में
है कोई और दूजा
मैडम इस बात पर भी कुछ नहीं बोली
सर दुआ करने लगे भगवान
अब तो भर दे मेरी झोली
सर बोले थोड़ी ऊष्मा तो देते जाओ
मेरे दिल के बर्नर को यु ना जला 
न्यूटन  के फार्मूले बिगड़े
और मैडम झट से बोली
क्या लगती हूँ मैं तुमको इतनी भोली
कभी बीकर में शक्ल देखी है
लंगूर जैसे लगते हो
औकात नहीं है testube कि ओर
ख्वाब अंगूर के रखते हो
तुम जैसे हाइड्रोजन को
मैने खूब नचाया है
एक नहीं 20-20 लड़कों को
उपग्रह कि तरह घुमाया है
सुन रहा था सारा कॉलेज
दोनो के किस्से
मैडम दिखाए जा रही थी अपने
गुरुत्वाकर्षण के झटके
सर कि इज़्ज़त का मैडम ने किया बनटाधार    
सर के सारे केमिकल्स
हो गए बेकार
सर बोले इस गुरुत्वाकर्षण को आप तो
बुरा मान गयी
न्यूटन के नियमों कि तरह
आज से हम लगते है आपके भाई
पृष्ठ तनाव छोड़ो
और अपने भाई को करदो माफ 
बहन हो तुम मेरी
HCL कि कसम खाके कहता हूँ मैं
अपने इस भाई को भूल ना जाना
रक्षाबंधन पर आकर
बहन का फर्ज़ निभाना