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Friday, February 12, 2010

वाईफ एंड कार

मैंने खरीदी एक कार
लेकिन वो निकली बेकार
कमबख्त पेट्रोल बहुत खाती थी
मैं उसको नहीं
वो मुझको चलाती थी
आये दिन उसकी सर्विस करवानी पड़ती
इस चक्कर में रोज बीवी लडती
मुझसे ज्यादा तो तुम
उस कार का ख़याल रखते हो
तुम मुझ पर नहीं
उस कार पर मरते हो
मैंने कहा कार भी कोई मरने की चीज है
मैं तो तुम पर मरता हू
खर्च जरूर कार पर
तुमसे ज्यादा करता हू
वो तुम्हारी तरह 
कान तो नहीं खाती है 
बेचारी मुझसे धक्का ही तो लगवाती है
सच में तुम दोनों ने मुझे
परेशान करके रखा है
वो तो चलते चलते रुक जाती है
और तुम बोलना शुरू करो तो
रुकने का नाम ही नहीं लेती हो
ऊपर से मायके जाने की
धमकी और देती हो
तुम दोनों ने मेरी
जेब खाली करवा दी है
मोहल्ले में मेरी नाक कटवा दी है
की कुलदीप की
कार और बीवी बड़ी सीधी है 
बीवी दिन भर कान खाती रहती है
तो कार पेट्रोल ज्यादा पीती है
मैं तो तुम दोनों को
झेलते झेलते थक गया हू
सच में मैं तुम दोनों से पक गया हू
जाओ तुम मायके
मैं खुद तुम्हे छोड़कर आता हू
तुम्हारे जाते ही घर में
दूसरी बीवी लाता हू 
कमबख्त उस कार को भी
ठिकाने लगाता हू 
और अपने पुराने
स्कूटर से ही काम चलाता हू

1 comment:

Shabad shabad said...

Beeveon ko zyada bolne wali hee kion kha jata hai?
Aur kharchelee bhee?
Aap car aur beevee se picha chudana chahte hain. Par dono ke bina aap jee bhee nahee sakte.
Achee haas-ras kavita.

Hardeep