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Wednesday, December 30, 2009

पप्पू


पूरे साल की मौज मस्ती
अब तो कुछ कर
ओ यार पप्पू बहुत हुआ
अब तो थोडा पढ़
गर्लफ्रेंड भी बना ली तुने
खूब मौज उड़ा ली तुने
सिगरेट की धुआ उड़ाना
अब तो बंद कर
ओ यार पप्पू बहुत हुआ
अब तो थोडा पढ़
टीचर को परेशान किया
कॉलेज में अपना नाम किया
लैब में कभी न जाके
लैब पर एक अहसान किया
टीचर को टोपी पहनाना
अब तो बंद कर
ओ यार पप्पू ..............
थडी पर जाकर तुने खूब धुआ उड़ाई
और घर जाकर कह दिया
टीचर ने मेरी अटन्देंस नहीं लगाई
थडी पर जाना यार अब तो बंद कर
ओ यार पप्पू ..............
लड़ाई झगडे खूब किये
दोस्ती निभाई खूब
दोस्तों के साथ मिलकर
कॉलेज में मचाई धूम
अब तो अपने माइंड को
थोडा चेंज कर
ओ यार पप्पू बहुत हुआ अब तो थोडा पढ़


दोस्तों पप्पू पर इन सब बातो का क्या असर होता है, और असर होता भी है या नहीं और फिर वो क्या करता है जानने के लिए थोडा इंतज़ार कीजिये और  पढ़ते  रहिये
"एक कविता"....................

6 comments:

gyaneshwaari singh said...

acha likha hai..pappu pass ho na ho apki kavita pass hai

Kuldeep Saini said...

कविता तो आपने पास कर दी इसके लिए धन्यवाद, अगर आप जैसे दोस्तों की मेहरबानी रही तो पप्पू भी शायद पास हो जाए

अजय कुमार said...

हिंदी ब्लाग लेखन के लिये स्वागत और बधाई । अन्य ब्लागों को भी पढ़ें और अपनी बहुमूल्य टिप्पणियां देने का कष्ट करें

shama said...

Shubhkamnayon sahit swagat hai...!

kshama said...

Swagat hai!

अविनाश वाचस्पति said...

पप्‍पू तो रहेगा पप्‍पू ही
पर कुलदीप आप हमें
और पप्‍पू न बनाओ
नीचे जो वर्ड वैरीफिकेशन
लगा रखा है
उसे जल्‍दी हटाओ
उसे सबको बहुत
तकलीफ होती है
दर्द वो लीफ नहीं
लीफ की पूरी बेल
होती है।